डांसिंग गर्ल: इंडस घाटी सभ्यता की सुंदर मूर्ति जो कलात्मक महत्व रखती है।

इंडस घाटी सभ्यता में डांसिंग गर्ल एक बहुत ही खूबसूरत और प्रसिद्ध मूर्ति है जो ब्रॉन्ज से बनी है और लगभग 2500 ईसा पूर्व की है। इस मूर्ति को मोहनजोदड़ो में ब्रिटिश पुरातत्विक (archaeological) अर्नेस्ट मैके ने 1926 में खुदाई के दौरान पाया था। इस मूर्ति का नाम डांसिंग गर्ल इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी मुद्रा एक नाचने वाली लड़की की तरह लगती है। इसके हाथ पर बहुत सारे चूड़ियां और गले में एक हार है। इसकी आँखें बड़ी, बाल घुंघराले और नाक छोटी है। इसकी लंबाई 10.5 सेंटीमीटर, चौड़ाई 5 सेंटीमीटर और गहराई 2.5 सेंटीमीटर है। इस मूर्ति को अभी नेशनल म्यूजियम, नई दिल्ली में रखा गया है।
इस मूर्ति का कलात्मक महत्व बहुत बड़ा है। इससे हमें इंडस घाटी सभ्यता के शिल्पकारों की कुशलता का पता चलता है। इस मूर्ति को 'लॉस्ट वैक्स' विधि से बनाया गया था, जिसमें मोम के मॉडल को मिट्टी से ढ़क कर ओवन में गर्म किया जाता है और मोम घुल कर बाहर निकल जाता है। फिर मिट्टी के छिल्ले को तोड़ कर अंदर का ब्रॉंज़ का आकृति निकाला जाता है और उसे साफ़ किया जाता है। इस मूर्ति ने पुरातत्विकों को हैरान कर दिया था क्योंकि इसकी सुंदरता और प्राकृतिकता उन्हें आधुनिक कला से याद दिलाती थी। कुछ लोग इस मूर्ति को एक नाचने वाली लड़की के बजाए एक बाली या प्रसाद ले जाने वाली लड़की भी मानते हैं।
एक नई शोध पेपर में दावा किया गया है कि डांसिंग गर्ल मूर्ति देवी पार्वती है और इससे यह साबित होता है कि इंदुस घाटी सभ्यता के लोग भगवान शिव की पूजा करते थे। यह पेपर इतिहास, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की हिंदी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
पाकिस्तान ने 2016 में भारत से ‘Dancing Girl’ मूर्ति को मांगने की मांग की थी, कहते हुए कि यह मोहनजोदड़ो में पाया गया था, जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है। परंतु, 1947 में पार्टीशन के समय, मूर्ति को भारत को सौंपा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते 2023 के International Museum Expo की शुरुआत की, जिसमें दुनिया के कई म्यूजियम की चीजें दिखाई जाएंगी। उन्होंने प्रदर्शनी का ‘मास्कोट’ भी बताया, जो ‘Dancing Girl’ मूर्ति की नकल है। मास्कोट का मतलब है कि वह प्रदर्शनी का प्रतीक है। मास्कोट ‘Dancing Girl’ मूर्ति से प्रेरित है, जो Indus Valley Civilisation की है। Indus Valley Civilisation का मतलब है कि वह पुरानी सभ्यता है, जो 2500 BCE से पहले हुई थी। मास्कोट Channapatna Style में है, जो कि Karnataka के Channapatna शहर की एक प्रकार की कला है, जिसमें Wooden Toys (लकड़ी के खिलौने)  बनाए जाते हैं। मास्कोट Shailised and Contemporarised Life-Size Version है, जिसका मतलब है कि वह ‘Dancing Girl’ मूर्ति से सुंदर और समकालीन (Modern)  है, और 5-Feet लंबा खिलौना है।

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